औरत की सोच मर्द का मुकद्दर बनाती है वह जब बनाने पर आती है तो कुटिया को महल बना देती है और जब बिगाड़ने पर आती है तो महल को मिट्टी का ढेर बना देती है इसलिए औरत को कभी कमजोर ना समझना चाहिए क्योंकि वह देवी भी है मां भी है। और बेटी भी है।
यह ख्वाहिश कभी मत रखो कि हर कोई आपकी तारीफ करें बस यह ख्वाहिश रखें कि आप जो भी करें आपके मां-बाप आप पर नाज करें क्योंकि दुनिया का दस्तूर ही है कि अगर आप जो भी करेंगे उसका पूरा हक आपको मां बाप को ही दिया जाएगा चाहे आप अच्छा करें या बुरा अगर आप अच्छा करेंगे तो आपकी मां बाप के बारे में भी अच्छा ही बोलेंगे और बुरा करेंगे तो बुरा ही बोलेंगे।
अपनी संपत्तती, और पेसे को को कभी भी दिखावा नहीं करना चाहिए क्योंकि जब तुम पैदा भी नहीं हुए थे तब भी वह किसी की संपत्ति थी और जब तुम मर जाओगे तब भी यह किसी की संपत्ति ही होगी यह संपत्ति या पैसा केवल उपयोग करने के लिए ही मिला है इसे आप केवल अपने जीवन में प्रयोग कर सकते हैं इसे कोई भी नहीं ले जा सकता आज आप उपयोग करेंगे, कल कोई दूसरा उपयोग करेगा परसों कोई तीसरा इसीलिए बिंदास से जिंदगी जिए। क्योंकि यह प्रभु की संपत्ति है पहले से ही सब कोई इस संपत्ति को अपना-अपना कहकर मर गए पर यह संपत्ति किसी की नहीं हुई।
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