यदि मनुष्य कुछ सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उस मनुष्य को कुछ ना कुछ अवश्य सिखा देती है। इसीलिए आप अपनी गलतियों से हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहिए, और जो भी कोई गलती करे उससे भी आप कुछ ना कुछ सीखते रहिए ताकि आप उन गलतियों को दोबारा ना दोहरा सके। क्योंकि जितनी जल्दी आप अपने जीवन की जिम्मेदारियों को लेंगे उतनी ही जल्दी आप सफलता की नई ऊंचाई को छुएगै।
भगवान कहते हैं। की मां कभी साधारण नहीं होती वह तो परमात्मा के बाद वह शक्ति है जो खुद मौत की गोद में जाकर एक जिंदगी को जन्म देती है। इसीलिए मां का हमेशा सम्मान करें। और उन्हें कभी भी इस बात का एहसास ना होने दें कि आप उनके लिए कुछ नहीं है बल्कि आप उनकी आंखों का तारा बने और उनकी आंखों में कभी भी आंसू ना आने दे।
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