2. कर्म के पास ना कागज है और ना ही किताब है लेकिन फिर भी उसके पास पूरे जगत का हिसाब है। इसलिए आप केवल अपना कर्म करिए फल आपको उसी कर्म के हिसाब से ही मिलेगा इसलिए आप अच्छा कर्म करें क्योंकि जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा इसलिए जिस तरह का फल चाहिए वैसा ही कर्म करें। क्योंकि दुनिया के 4 स्थान कभी नहीं भरते है।
1, समुद्र
2,शमशान
3, ट्राडा
4,और मनुष्य का मन
3. जिस प्रकार ब्लेड की धार तेज होती है लेकिन उससे पेड़ को नहीं काटा जा सकता है, कुल्हाड़ी मजबूत होती है लेकिन उससे बाल नहीं काटे जा सकते हैं। वैसे ही हर इंसान कि अपनी-अपनी काबिलियत होती है और वह अपनी काबिलियत के अनुसार ही श्रेष्ठ होता है इसलिए आप अपनी तुलना कभी किसी से नहीं करना चाहिए। क्योंकि आप जो काम कर सकते हैं कोई दूसरा कोई नहीं कर सकता है।
4. आप रूठो बेशक अपनों से लेकिन मनाने से मान जाओ, अपने हमेशा अपने ही हैं यह बात तुम जान जाओ।
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